वास्तुपुरुष कि उत्पति .....
वास्तुपुरुष कोन है ?और क्यों उसकी पूजा जरुरी है?
पुराने समय में अन्दक नामक देत्य के साथ युद्ध करते समय महादेव का पसीने का बिंदु भूमि पर गिर गया। उस में से एक भयानक दैत्य उत्पन हुआ। आकाश और पृथ्वी के बिच डरावना यह भयानक प्राणी को देख कर सभी देवता उस के साथ लड़कर उसे उल्टा गिर कर उस पर बेठ गए। तभी वह पुरुष ब्रह्मा को पूछने लगा क्या भयानक देह ही मेरा अपराध है।
तब ब्रह्मा ने आशीर्वाद दिया की प्रसाद, घर,वाव,पुन्हानिर्माण इत्यादी सभी कार्यो में वास्तुपुरुष तेरा पूजन होगा।
इसी प्रकार उस पर बेठे हुए देवता के अधर पर वास्तुपुरषमंडल का निर्माण हुआ।
श्लोक अनुसार ........
प्रसादे भवने तदाग्ख्न्ने कूपे च वाच्यं वने
जिनोर्द्धार्पुरेशु याग भवने प्रारम्भे निवर्तने।
वास्तो: पुजन्क्म सुखी कथितं पुजम विन हांये
पादौ रक्शिक्म शिवेंध्री कार्यो संधि कोंद्व्ये।
पूजन होगा ..